चंडीगढ़: कारोबार वायरस पर कोरोना की मार, चारों ओर पसरा सन्नाटा

कोरोना वायरस के खतरे ने रिटेल मार्केट को करारा झटका दिया है. शॉपिंग माल्स, क्लब, शिक्षण संस्थानों, सिनेमा हाल्स, जिम और मॉन्यूमेंट्स के बंद होने से इन्हें भारी नुकसान सहना पड़ रहा है.




  • मॉल्स हुए वीरान, डेयरी उद्योग भी हो गया है प्रभावित

  • चिकन की बिक्री हुई कम, पोल्ट्री सेक्टर को लगा झटका


चंडीगढ़ में हर वक्त लोगों से गुलजार रहने वाले शॉपिंग मॉल्स वीरान पड़े हैं. प्रशासन ने इन्हें 31 मार्च तक बंद रखने के आदेश दिए हैं. लॉकडाउन ने रिटेल मार्केट की कमर तोड़ दी है. अर्थव्यवस्था की मंदी ने इसे पहले ही बेहाल कर रखा था, रही सही कसर कोरोना वायरस की वजह से इस लॉकडाउन ने पूरी कर दी है. चंडीगढ़ के व्यापार संगठन के मुताबिक बिक्री 40 से 50% ही रह गई है. सिर्फ किराना और दवाइयों की दुकानें ही खुली हुई हैं.


चंडीगढ़ व्यापार मंडल के उपाध्यक्ष भूपेंद्र नारद ने इंडिया टुडे को बताया, "कोरोना वायरस के खतरे से कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है. बाजारों में बिक्री नहीं है, लोग घरों से बाहर कम आ रहे हैं. हर तरफ बेचैनी है. लोग इंतजार कर रहे हैं कि कब इस वायरस का प्रकोप खुद ही खत्म हो जाए. रिटेल मार्केट में बिक्री आधी रह गई है, आगे और भी गिर सकती है. बिक्री कम होने की वजह से लोग अपने कर्मचारी कम कर रहे हैं. जिनके पास 10 कर्मचारी होते थे वो 3 से काम चला रहे हैं. ये सभी बेरोजगार कहां जाएंगे."


सबसे ज्यादा असर पड़ा है इन दुकानदारों पर


सबसे बुरा असर फुटपाथ पर सामान बेचने वाले छोटे विक्रेताओं पर पड़ा है जिनका दिहाड़ी की कमाई से ही गुजारा चलता है. बाहर से लोग या पर्यटक भी नहीं आ रहे हैं. हर किसी को कोरोना वायरस के डर ने जकड़ रखा है.





मिठाई वालों ने दूध लेना भी किया बंद


नारद कहते हैं, न सिर्फ रिटेल बल्कि थोक बाजार भी लॉकडाउन से प्रभावित हुए हैं. रिटेल बिक्री थम जाने की वजह से थोक बाजार को भी मोटा नुकसान सहना पड़ रहा है. डेयरी और पोल्ट्री सेक्टर भी अछूते नहीं हैं. मिठाई विक्रेताओं ने दूध लेना बंद कर दिया है. लोग चिकन या अन्य मीट से परहेज कर रहे हैं.