वित्तीय वर्ष 2019-20 का आज यानी 31 मार्च को आखिरी दिन है. हर साल इन दिन कई जरूरी वित्तीय कामकाज निपटाने होते हैं.
- 31 मार्च होता है वित्त वर्ष का आखिरी दिन
- वित्तीय काम निपटाने की होती है डेडलाइन
हर साल 31 मार्च का दिन वित्तीय कामकाज के लिहाज से सबसे अहम होता है. इस दिन कई अहम डेडलाइन खत्म होते हैं. यही वजह है कि लोग भी पहले से अलर्ट रहते हैं. हालांकि, इस बार मामला थोड़ा उलट है. लॉकडाउन की वजह से आम लोगों की नजर में इस साल 31 मार्च के दिन की अहमियत कुछ कम रह गई है.
दरअसल, वित्तीय कामकाज से जुड़े कई कामकाज की जरूरी डेडलाइन 31 मार्च को खत्म होने वाली थी लेकिन अब लोगों को 30 जून तक की मोहलत मिल गई है. मतलब ये कि जो कामकाज 31 मार्च तक निपटाना था, उसे अब आप 30 जून तक पूरा कर सकते हैं. हम आज ऐसे ही कुछ जरूरी डेडलाइन की जानकारी दे रहे हैं.
- सरकार ने आधार-पैन लिंक करने की आखिरी तारीख बढ़ाकर 30 जून 2020 तक कर दी है. अब तक ये डेडलाइन 31 मार्च थी. कहने का मतलब ये है कि आप 30 जून 2020 तक आधार और पैन की लिंकिंग करा सकते हैं. इससे पहले कई बार आयकर विभाग ने इसकी डेडलाइन बढ़ाई है. एक अनुमान के मुताबिक 17 करोड़ लोगों ने अब तक आधार और पैन कार्ड को लिंक नहीं कराया है.
- वित्त वर्ष 2018-19 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख बढ़ाकर 30 जून कर दिया गया है. बता दें कि वित्त वर्ष 2018-19 के लिए रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 अगस्त 2019 थी. 1 सितंबर 2019 से 31 दिसंबर 2019 तक रिटर्न फाइल करने पर अधिकतम जुर्माना 5000 रुपया था. 1 जनवरी से 31 मार्च 2020 तक रिटर्न फाइल करने पर अधिकतम जुर्माना 10 हजार रुपये होता है. लेकिन अब इसकी डेडलाइन 30 जून तक बढ़ गई है. हालांकि जुर्माने के मोर्चे पर मामूली राहत भी मिली है.
- सरकार ने देश के कारोबारियों को भी राहत दी हुई है. इसके तहत वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा बढ़ाकर 30 जून कर दी गई है. अब कारोबारी मार्च, अप्रैल और मई महीने का जीएसटी रिटर्न 30 जून 2020 तक दाखिल कर सकते हैं. पहले इसकी डेडलाइन 31 मार्च तक थी. इसके अलावा सरकार ने कंपोजीशन स्कीम का विकल्प चुनने की तारीख भी बढ़ाकर 30 जून कर दी है.
- विवाद से विश्वास स्कीम को भी अब 30 जून कर दिया गया है. पहले इसकी डेडलाइन 31 मार्च थी लेकिन अब 30 जून तक कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं लगेगा. बता दें कि विवाद से विश्वास का उद्देश्य उन लोगों को राहत देना है जिनकी टैक्स देनदारी को लेकर कई तरह का विवाद है.
-सरकार ने ड्राइविंग लाइसेंस, परमिट और रजिस्ट्रेशन जैसे दस्तावेज की वैधता बढ़ा दी है. सरकार का ये फैसला उन ड्राइविंग लाइसेंस पर लागू होगा, जिनकी वैधता 1 फरवरी को खत्म हो चुकी है.इस संबंध में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सभी राज्यों को एक एडवाइजरी भी जारी कर दी है.
-डीलर अब बीएस-4 वाहनों को लॉकडाउन खत्म होने के बाद 10 दिन यानी 25 अप्रैल तक बेच सकते हैं. बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में आदेश भी दिया था. शीर्ष कोर्ट ने कहा कि डीलर सिर्फ 10 फीसदी बीएस-4 वाहनों को लॉकडाउन खत्म होने के बाद 10 दिन के भीतर बेंच सकते हैं. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बीएस-4 वाहनों की बिक्री और रजिस्ट्रेशन के लिए 31 मार्च 2020 की डेडलाइन तय की थी.