जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले की पहली बरसी पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कई सवाल खड़े किए हैं. राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए पूछा कि इस हमले की जांच का क्या निष्कर्ष निकला.
- पुलवामा आतंकी हमले को एक साल पूरा
- राहुल गांधी ने मोदी सरकार को घेरा
- हमले की जांच का निष्कर्ष बताए सरकार
पुलवामा आतंकी हमले की पहली बरसी के दिन देश आज शहीद जवानों को याद कर रहा है. इस मौके पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी, साथ ही कई तरह के सवाल भी खड़े कर दिए. नरेंद्र मोदी सरकार को निशाने पर लेते हुए राहुल गांधी ने पूछा कि अभी तक हमले की जांच का क्या हुआ? आखिर इससे किसे फायदा हुआ?
राहुल गांधी ने शुक्रवार को ट्वीट कर पुलवामा हमले पर तीन सवाल पूछे. कांग्रेस नेता ने लिखा, ‘आज जब हम पुलवामा के चालीस शहीदों को याद कर रहे हैं, तब हमें पूछना चाहिए..
राहुल गांधी से पहले सीपीआई (एम) नेता मोहम्मद सलीम ने भी पुलवामा के आतंकी हमले को लेकर सरकार पर निशाना साधा था. मोहम्मद सलीम ने ट्विटर पर लिखा, ‘हमें जवानों के लिए मेमोरियल नहीं चाहिए. बल्कि हम ये जानना चाहते हैं कि अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर से 80 किलो RDX कैसे भारत में आ गया, वो भी उस जगह जहां पर सेना की इतनी बड़ी तादाद है.
संबित पात्रा ने राहुल गांधी को दिया जवाब
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पुलवामा आतंकी हमले को लेकर जो सवाल पूछे हैं उसपर भाजपा भड़क गई है. बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने राहुल गांधी पर पलटवार किया है. संबित पात्रा ने लिखा कि पुलवामा नृशंस हमला था और यह एक नृशंस बयान है कि किसको फायदा हुआ. क्या गांधी परिवार कभी फायदे से आगे बढ़कर सोच सकता है. इनकी आतमाएं भी भ्रष्ट हो चुकी हैं.
हमले के बाद खड़े हुए थे सवाल
आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को हुए आतंकी हमले के बाद कई तरह के सवाल खड़े हुए थे. क्योंकि जम्मू-कश्मीर में जब इतना बड़ा सेना का काफिला जा रहा था, तब वहां पर एक सामान्य गाड़ी कैसे रास्ते में आ गई. उसमें इतना RDX भरा हुआ था कि सीआरपीएफ की पूरी गाड़ी ही उड़ गई. इस आतंकी हमले में सीआरपीएफ के चालीस जवान शहीद हो गए थे.
तब भी विपक्ष ने साधा था निशाना
जिस वक्त पुलवामा का आतंकी हमला हुआ था, उसके बाद भारतीय सेना ने इसका बदला लिया था और पाकिस्तान के आतंकी अड्डों पर बम दागे थे. इस करारे जवाब में कई आतंकी मारे गए थे. लेकिन इसके तुरंत बाद जब लोकसभा चुनाव आए तो विपक्ष ने भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर चुनाव प्रचार में सेना का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया.
कांग्रेस समेत कई पार्टियों ने इसको लेकर चुनाव आयोग में शिकायत भी की थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा रैलियों में दिए गए बयानों का हवाला दिया था.