आगे चलकर पं. सुरति

आगे चलकर पं. सुरति नारायण मणि त्रिपाठी ने क्षेत्र के सभी संभ्रात लोगों से मिलकर विश्वविद्यालय को दान दिलाया, जिनमें सरदार मजीठिया और तमकुही राज स्टेट प्रमुख थे। वही मुख्यमंत्री पंत जी ने ईस्टर्न ग्रुप की चीनी मिल का अतिरिक्त शीरा विश्वविद्यालय हेतु स्वीकृत किया, जिससे 1949-50 के दौरान 5,50,000 रु. की आय हुआ।