हाल के दिनों में चर्चा में आया Zoom एप सिक्योरिटी और प्राइवेसी को लेकर उठाने जा रहा है ये कमद



हाल के दिनों में जूम के विख्यात होने के साथ-साथ एप की प्राइवेसी और सिक्योरिटी के चंद इशू भी खबरों में हैं. कंपनी अब उन्हें आने वाले 90 दिनों में एड्रेस करने का वादा कर रही है.



 



कोरोरना वायरस के चलते लॉकडाउन जारी है और इस महामारी के चलते लाखों कर्मचारी घर से ही काम करने को मजबूर हैं. इस बीच सोशल मीडिया पर Zoom ऐप काफी पॉपुलर हुआ. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एप जूम को पिछले कुछ दिनों में ही लाखों लोग डाउनलोड कर चुके हैं. गूगल प्ले स्टोर पर ये ऐप टॉप पर बना हुआ है. मगर इस एप के इस्तेमाल में सिक्योरिटी को लेकर चंद सवाल भी सामने आए थे, जिसे एप मेकर्स ने दूर करने की कोशिश की है.




हाल के दिनों में जूम के विख्यात होने के साथ-साथ एप की प्राइवेसी और सिक्योरिटी के चंद इशू भी खबरों में हैं. कंपनी अब उन्हें आने वाले 90 दिनों में एड्रेस करने का वादा कर रही है. एक विस्तृत ब्लॉग पोस्ट में, जूम के सीईओ एरिक एस युआन बताते हैं कि कैसे कंपनी यूजर्स में हुई इन भारी वृद्धि को अपने हिसाब से हैंडल कर रही है. ज़ूम ने पहले कभी यूजर्स की संख्या साझा नहीं की थी, लेकिन युआन ने खुलासा किया कि दिसंबर में कंपनी के अधिकतम 10 मिलियन रोजाना एक्टिव यूजर्स थे. युआन कहते हैं. "इस साल मार्च में, हम 200 मिलियन से अधिक दैनिक रोजाना यूजर्स तक पहुंचे.''




उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन के बीच घर से काम कर रहे लोगों के लिए ये ऐप काफी उपयोगी साबित हो रहा है. क्योंकि इस ऐप के जरिए 100 लोग एक साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़ सकते हैं. इसके माध्यम से मीटिंग्स की जा सकती हैं. ग्रुप डिस्कशन आसानी से हो सकता है. प्रोफेशनल्स और एजुकेशनल पर्पस के अलावा इस ऐप का इस्तेमाल बर्थडे जैसी पार्टी होस्ट करने के लिए भी कर रहे हैं.




वहीं लोकप्रियता के साथ हाल ही में ये ऐप विवादों में आ गया था. इस ऐप पर फेसबुक के साथ डेटा शेयर करने का आरोप लगा था. कुछ लोगों का कहना है कि ये ऐप यूजर्स का एनालिटिकल डेटा फेसबुक के साथ शेयर करता है.




इन विवादों को ध्यान में रखते हुए कंपनी के सीईओ को हालिया ब्लॉग इस बारे में यूजर्स को भरोसा दिलाता है कि वे अपनी प्राइवेसी और सिक्योरिटी को लेकर प्रतिबद्ध हैं और इसके लिए 90 दिनों की फीचर फिक्स की मदद से इन समस्या से पार पा लेंगे.