W T20 WC Ind vs Aus: इन 3 गलतियों से भारतीय महिला क्रिकेट टीम के विश्वकप जीतने का टूटा सपना


पहली बार हरमनप्रीत की कप्तानी में टी20 विश्वकप फ़ाइनल खेलने वाली भारतीय टीम को खिताबी मैच में 85 रन से हार का सामना करना पड़ा।


आईसीसी महिला टी20 विश्वकप के फाइनल में पहली बार खेलने वाली भारतीय महिला टीम को ऑस्ट्रेलिया के हाथों बुरी हार का सामना करना पड़ा। पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करने वाली भारतीय महिला गेंदबाजी को मात देते हुए ऑस्ट्रेलियाई महिला टीम ने जबर्दस्त बल्लेबाजी का नजारा पेश किया। इसके बाद टीम इंडिया की बल्लेबाजी भी नहीं चली जिसके चलते पहली बार हरमनप्रीत की कप्तानी में टी20 विश्वकप फ़ाइनल खेलने वाली भारतीय टीम को खिताबी मैच में 85 रन से हार का सामना करना पड़ा। इस तरह ऑस्ट्रेलिया महिला टीम ने रिकॉर्ड पांचवी बार टी20 विश्वकप का फ़ाइनल मुकाबला जीता। 


ऐसे में फ़ाइनल मैच को देखा जाए तो महिला टीम इंडिया से गेंदबाजी और बल्लेबाजी ही नहीं बल्कि फील्डिंग में भी कई गलतियां हुयी जिसके चलते मैच में हार का सामना करना पड़ा। चलिए जानते हैं कुछ प्रमुख कारण जिनके चलते खिताबी मैच में टीम इंडिया को मिली हार- 


ऑस्ट्रेलिया की सलामी बल्लेबाज एलिसा हेली और बेथ मूनी की तूफानी शुरुआत 


ऑस्ट्रेलिया महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मेग लैनिंग ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी चुनी। पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया की सलामी जोड़ी (एलिसा हेली और बेथ मूनी) ने 115 रनों की शतकीय साझेदारी निभाई। जब तक दोनों क्रीज पर जमी हुई थी तब लग रहा था कि आज ऑस्ट्रेलिया 200 से अधिक रन बना लेगी, हालांकि दोनों बल्लेबाजों की पारी से ही ऑस्ट्रेलिया 185 रनों का विशाल स्कोर दे पाया। एलिसा हेली ने अपनी पारी के दौरान 39 गेंदों में 75 रन बनाए जबकि  बेथ मूनी अंत तक नाबाद रही और उन्होंने 78 रन की पारी खेल टीम इंडिया को बैकफुट पर धकेल दिया। 


भारतीय गेंदबाजी और फील्डिंग हुई फ्लॉप


पूरे टूर्नामेंट में अभी तक भारतीय गेंदबाजी काफी अच्छी रही थी मगर फ़ाइनल मैच में ऑस्ट्रेलियाई महिला बल्लेबाजों ने गेंद का धागा तक खोल डाला।  टीम इंडिया की गेंदबाज शिखा पांडेय भारतीय टीम में सबसे महंगी साबित हुई, शिखा पांडेय ने 4 ओवरों में 13 की औसत से 52 रन लुटाए। जबकि शानदार फॉर्म में चल रही पूनम यादव ने 4 ओवर में 30 रन देकर एक विकेट हासिल किया तो राधा यादव और राजेश्वरी गायकवाड़ की फिरकी का जादू भी मैच में नहीं चला। 


इतना ही नहीं फील्डिंग में भी शुरुआत के समय टीम इंडिया ने पहले और दूसरे ओवर में एलिसा हीली के दो कैच छोड़े। जो कि मैच में सबसे महंगे साबित हुए और हीली ने 75 रनों की धमाकेदार पारी खेल मैच को टीम इंडिया की गिरफ्त से शुरुआत में ही दूर कर दिया। इस तरह फील्डिंग में भी टीम इंडिया काफी साधारण दिखाई दी।  


नहीं चली बल्लेबाजी 


भारतीय महिला टीम अभी तक ज्यादातर मैच अपनी गेंदबाजी के दमपर जीतती आ रही थी। मगर फ़ाइनल मैच में गेंदबाजों के विफल होने के बाद टीम इंडिया की बल्लेबाजी 185 रनों के स्कोर के आगे काफी दबाव में आ गई थी। पहले ही ओवर में टूर्नामेंट में धाकड़ बल्लेबाजी करनी वाली शेफाली वर्मा बड़े मैच में सिर्फ 2 रन बनाकर चलती बनी। इसके बाद लगातार टीम इंडिया के विकेट गिरते चले गये और बढ़ते दबाव के कारण पूरी टीम इंडिया सिर्फ 99 रनों पर धाराशायी हो गई। भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर का बल्ला पूरे वर्ल्डकप में खामोश रहा और वर्ल्डकप फाइनल में भी वो सिर्फ 4 रन बनाकर पवेलियन चलती बनी। इस तरह बल्लेबाजी टीम इंडिया के लिए एक चिंता का विषय बनी हुई है।