सिलीगुड़ी में रेनकोट-सन ग्लास पहनकर डॉक्टर लड़ रहे हैं कोरोना से जंग





सिलीगुड़ी के उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर का दावा है कि उन्हें कोरोना वायरस के पॉजिटिव मामलों की देखभाल के लिए बेडशीट के मास्क, सनग्लास और रेनकोट दिए गए हैं.



सिलीगुड़ी के उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज का मामला





डॉक्टर का आरोप- नहीं मिल रहा है जरूरी किट


पूरी दुनिया में 37 हजार से अधिक लोगों को मौत की नींद सुला चुका कोरोना वायरस का संक्रमण भारत में तेजी से बढ़ रहा है. अब तक 1337 केस सामने आ चुके हैं, जिसमें 40 लोगों की मौत हो चुकी है. कोरोना के खिलाफ जंग लड़ने में डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ अहम भूमिका निभा रहे हैं. बावजूद इसके उनको जरूरी किट नहीं मिल पा रहा है.


लापरवाही का मामला पश्चिम बंगाल से सामने आया है. सिलीगुड़ी के उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों का दावा है कि उन्हें कोरोना वायरस के पॉजिटिव मामलों की देखभाल के लिए PPE (पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विप्मेंट्स), लेबोरेटरी ग्लास और सर्जिकल/ N95 मास्क के बजाय बेडशीट के मास्क, सनग्लास और रेनकोट दिए गए हैं.



मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर शहरियार आलम ने कहा कि हम MSVP (मेडिकल सुपरिंटेंडेंट कम वाइस प्रिंसिपल) से मिले, जिन्होंने हमें बताया कि पीपीई की कोई आपूर्ति नहीं है और एक अनुरोध भेजा गया है. जब हमने उस पर दबाव डाला, तो उसने हमें ड्यूटी के लिए नहीं आने के लिए कहा.


डॉक्टर का आरोप है कि हमें रेनकोट और धूप के चश्मे का एक पैकेट दिया गया था. उन्होंने हमें रेनकोट धोने और पुन: उपयोग करने के लिए कहा है. कोरोना से जंग लड़ रहे डॉक्टरों के ऐसा सलूक उस राज्य में किया जा रहा है, जहां आज ही एक मरीज की मौत हुई है.


पश्चिम बंगाल में कोरोना के अब तक करीब दो दर्जन मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें से दो की मौत हो चुकी हैं. इसके बावजूद डॉक्टरों को मेडिकल किट नहीं मिल पा रहा है. उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों फिलहाल रेन कोट और धूप के चश्मे पहनकर कोरोना से जंग लड़ रहे हैं.