शेयर बाजार में कोहराम : सेंसेक्स 1941 अंक टूटकर 35,634 पर बंद, निफ्टी 538 पॉइंट लुढ़का, Reliance का शेयर 13% फिसला


स्टॉक मार्केट में आज बीएसई का 30 शेयरों वाला इंडेक्स सेंसेक्स 1941 अंक यानी 5.17 फीसदी की भारी गिरावट के साथ 35,634 पर जाकर बंद हुआ है.


नई दिल्लीः शेयर बाजार में आज कोहराम मच गया, कोरोना वायरस की ग्लोबल चिंताओं के चलते बाजार में भारी गिरावट देखी गई और वैश्विक बाजारों में कच्चे तेल को लेकर प्राइस वॉर छिड़ने की आशंका है. इन दोनों वजहों के चलते आज घरेलू शेयर बाजार में ऐतिहासिक गिरावट दर्ज की गई. भारतीय शेयर बाजार में आज पॉइंट की गिरावट के हिसाब से सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली है. सेंसेक्स में करीब 1950 अंकों की गिरावट देखने को मिली है, वहीं दिसंबर 2018 के बाद से निफ्टी सबसे ज्यादा गिरावट के साथ बंद हुआ है.


 


क्यों टूटा बाजार
दुनिया में लगतार फैल रहे कोरोना वायरस का आर्थिक गतिविधयों पर असर गहराने से देश दुनिया के शेयर बाजार में बड़ी गिरावट आई. कोरोना वायरस के तेजी से फैलने और तेल के दाम में बड़ी गिरावट के साथ ग्लोबल बाजारों में नरमी का असर घरेलू बाजार पर पड़ा. बीएसई का सेंसेक्स दिन में एक समय 2467 अंक लुढ़क गया था.


 


कैसे बंद हुआ बाजार
स्टॉक मार्केट में आज बीएसई का 30 शेयरों वाला इंडेक्स सेंसेक्स 1941.67 अंक यानी 5.17 फीसदी की भारी गिरावट के साथ 35,634.95 पर जाकर बंद हुआ है और एनएसई का 30 शेयरों वाला इंडेक्स निफ्टी 538 अंक यानी 4.90 फीसदी लुढ़ककर 10,451.45 पर बंद हुआ है.


 


हैवीवेट शेयरों में आज ये शेयर टूटे
आज ऑयल एंड गैस शेयरों में जबरदस्त बिकवाली देखी गई. ओएनजीसी का शेयर 16 फीसदी टूटा और वेदांता का शेयर 15.26 फीसदी की बड़ी गिरावट के साथ बंद हुआ. मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर तो आज 13 फीसदी से ज्यादा टूट गया है और 1104 रुपये के भाव पर आ गया है.


 


कैसे शुरू हुआ बाजार
स्टॉक मार्केट आज भारी गिरावट के साथ खुला और कारोबार की शुरुआती से ही ऐतिहासिक गिरावट देखी गई. सेसेंक्स में 2100 से ज्यादा अंकों की गिरावट दर्ज की गई, निफ्टी में भी 550 अंकों से ज्यादा की गिरावट रही. आज चीन और जापान के शेयर बाज़ारों में भी भारी गिरावट दर्ज रही है, शुरुआती कारोबार की गिरावट पांच साल में सबसे बड़ी गिरावट के तौर पर देखी गई. शेयर बाजार में शुरुआती कारोबार के दौरान भारी गिरावट के चलते निवेशकों के करीब पांच लाख करोड़ रुपये डूब गए.