कोरोना पर सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोवडे ने 24 घंटे में एक एक्सपर्ट कमेटी के गठन का आदेश दिया है. इस कमेटी का गठन स्वास्थ्य मंत्रालय करेगा, जो हर रोज लोगों के सवालों का जवाब देगा.
- कोरोना और मजदूरों के पलायन पर सुनवाई
- केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की रिपोर्ट
कोरोना वायरस के कारण पूरा देश लॉकडाउन है. लॉकडाउन की वजह से देश के कई हिस्सों में मजदूरों ने पलायन किया है. मजदूरों के पलायन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी. इस याचिका पर आज फिर सुनवाई शुरू हो गई है. केंद्र की ओर से कोर्ट में रिपोर्ट दायर कर कोरोना और पलायन को रोकने के लिए किए जा रहे इंतजाम के बारे में बताया गया.
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) एसए बोवडे ने 24 घंटे में एक एक्सपर्ट कमेटी के गठन का आदेश दिया है. इस कमेटी का गठन स्वास्थ्य मंत्रालय करेगा, जो हर रोज लोगों के सवालों का जवाब देगा. हालांकि, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से रोज प्रेस कॉन्फ्रेंस किया जा रहा है.
मजदूरों को मिले सभी सुविधा
सीजेआई एसए बोवडे ने कहा कि मजदूरों का पलायन रोका जाना चाहिए. साथ ही आप यह भी सुनिश्चित करेंगे कि जिन लोगों को आपने पलायन करने से रोका है,उन सभी को भोजन, आश्रय, पोषण और चिकित्सा सहायता के मामले में ध्यान रखा जाए. आप उन लोगों को भी फॉलो करेंगे जिनकी आपने पहचान की है और जिन्हें क्वारनटीन किया गया है.
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पलायन को रोकने और मजदूरों से बातचीत के लिए 24 घंटे के अंदर राजनीतिक और धार्मिक लोगों का एक समूह बनाया जाए, जो शेल्टर होम में जाएं और मजदूरों से बात करें. इसके अलावा शेल्टर होम में प्रशिक्षित काउंसलर भी भेजे जाएं.
हमने पहले शुरू की थर्मल स्क्रीनिंग: SG
इससे पहले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हमारे देश ने सौभाग्य से प्रीमेक्टिव और निवारक कदम उठाए हैं. नए वायरस के बारे में जानकारी 5 जनवरी 2020 को सामने आई. हमने 17 जनवरी 2020 से तैयारी शुरू कर दी. दूसरे देशों ने जो किया, हमने उससे बहुत आगे कदम बढ़ाया. हमने भारत में किसी भी मामले का पता लगाने से पहले दूसरे देशों से लौटने वाले
कोर्ट को केंद्र की ओर से उठाए गए कदमों के बारे में बताते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अधिकांश अन्य देशों ने बाद में थर्मल स्क्रीनिंग शुरू की. हमारे देश में अन्य देशों की तुलना में कोरोना वायरस कम फैला है. हवाई अड्डों पर 15.5 लाख लोगों की जांच की गई. समुद्री बंदरगाहों पर 12 लाख की जांच की गई. जिसमें भी सिम्टम्स मिले उसे 14 दिन क्वारनटीन किया गया.
इस पर चीफ जस्टिस एसए बोवडे ने पूछा कि क्या आपने उन लोगों को ट्रैक किया जिनके पास लक्षण नहीं थे या आपने उन्हें जाने नहीं दिया? जवाब देते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हमने उन्हें हेल्पलाइन नंबर दिया और कहा कि अगर सिम्टम्स दिखते हैं तो कॉल कीजिए. यह एक नई बीमारी है. दुनिया के किसी भी संस्थान के पास इससे निपटने की सुविधाएं नहीं थीं.