गोरखपुर, जेएनएन। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का आवासीय परिसर मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) की खाली 16 एकड़ की जमीन में बनाया जाएगा। यह जमीन जिला प्रशासन उपलब्ध कराएगा। जमीन के लिए ज्वाइंट मजिस्ट्रेट व एसडीएम सदर प्रथमेश कुमार की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। सर्वे का कार्य एक सप्ताह के भीतर पूरा करा लिया जाएगा। डीएम की ओर से गठित कमेटी में जीडीए व एमएमएमयूटी के रजिस्ट्रार भी सदस्य हैं।
16 एकड़ जमीन पर बनेगा आवास
कूड़ाघाट स्थित गन्ना शोध संस्थान की 99 एकड़ जमीन को एम्स के लिए अधिग्रहीत किया गया था। जुलाई, 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एम्स का शिलान्यास किया था। इसके बाद एम्स का तेजी से निर्माण शुरू हुआ और इसमें ओपीडी, अस्पताल, पैथालाजी, आयुष भवन, कॉलेज, चार हॉस्टल का निर्माण चल रहा है। इसके अलावा तीमारदारों के लिए धर्मशाला का निर्माण भी एम्स परिसर में कराया जाना है। परिसर में जमीन की कमी को देखते हुए आवासीय कॉलोनी के लिए एम्स प्रशासन ने एम्स के नजदीक जिला प्रशासन से अतिरिक्त जमीन की मांग की थी। जिला प्रशासन के मुताबिक एमएमएमयूटी की 260 एकड़ जमीन है। इसमें लगभग 16 एकड़ जमीन प्रौद्योगिकी विवि की बाउंड्री से अलग है, इसकी पैमाइश कराई जा रही है। जल्द ही इसे एम्स प्रशासन को सुपुर्द कर दिया जाएगा।
और भी भूमि मिलेगी
इस संबंध में जिलाधिकारी के विजयेंद्र पांडियन ने कहा है कि एमएमएमयूटी की छूटी हुई 16 एकड़ जमीन एम्स के आवासीय परिसर के लिए आवंटित की जाएगी। तीन सदस्यीय टीम सर्वे का कार्य कर रही है। एक सप्ताह में इसे पूरा कर लिया जाएगा। प्रथम चरण में एम्स को यह जमीन उपलब्ध करा दी जाएगी। इसके बाद आस-पास में ही और भी जमीन एम्स को दी जाएगी।